Sunday 26 January 2014

सफलता हौंसलो से मिलती है

सफलता हौंसलो से मिलती है...♣
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एक 'बेरोजगार' आदमी,जिसका नाम 'प्रतीक' था. एक बड़ी कम्पनी में 'चपरासी' के पद के लिए इंटरव्यू देने गया..
उससे कुछ सवाल पूछे गए और फिर एक प्रैक्टिकल टेस्ट लिया गया कि, “जाकर चाय लेकर आओ....!!”
वो टेस्ट में भी पास हो गया.
उसे उसका ई-मेल देने के लिए कहा गया. पर उसने जवाब दिया,
“मेरे पास कम्प्यूटर नहीं है और न ही ई-मेल है और मैं कम्प्यूटर नही चला पाता.....माफ़ करो...!!!!”
उस इंटरव्यू लेने वाले ने कहा,
“अगर तुम्हारे पास ईमेल नहीं है. और कम्प्यूटर नही चला पाते तो इसका मतलब है तुम्हारा कोई अस्तित्व ही नहीं है. तुम्हे नौकरी नहीं दी जा सकती....!!!”
प्रतीक बहुत निराश हो गया.
उसके जेब में केवल ₹500 बचे थे.
वो हार नहीं मान सकता था. इसलिए वो दूसरे दिन सुबह सुबह मंडी गया. और वहां से ₹500 के टमाटर ख़रीद लाया. पूरा दिन उसने घर घर जाकर टमाटर बेचे. और ₹300 का मुनाफ़ा हुआ.
वो हर दिन यही करने लगा. जल्द ही उसने दुसरे काम भी शुरू कर दिए, उसका बहुत मुनाफ़ा होने लगा . एक दूकान ख़रीदी. एक सेकेण्ड हैण्ड छोटा ट्रक ख़रीद लिया.
और केवल 7 सालो में प्रतीक की कम्पनी देश की सबसे बड़ी फूड रिटेलर कम्पनी में से एक बन गयी.
उसने अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के बारे में सोचा और एक जीवन बीमा भी करवा लिया.
फिर एक दिन एक पत्रकार उसका इंटरव्यू लेने आया. उसने उससे कई सवाल पूछे और घंटो बातें की....!!!
और आखिर में पत्रकार ने उससे उसका 'ईमेल' माँगा....!!!
प्रतीक ने जवाब दिया,
“मेरे पास ईमेल नहीं है.....!!!”
पत्रकार बड़ा हैरान हुआ.
उसने प्रतीक से कहा, “क्या आप जानते है कि 'ईमेल' कितनी ज़रूरी चीज़ है. आप आज इतने सफल है. आप सोच सकते है यदि आपके पास ईमेल होता तो आप क्या कर रहे होते, कितने अधिक सफल होते.....????”
प्रतीक ने कुछ देर सोचा फिर जवाब दिया,
“अगर मेरे पास ईमेल होता तो मैं एक कम्पनी में चपरासी की नौकरी कर रहा होता.”
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इतना तो हम सभी जानते और मानते हैं कि हर किसी के पास सारे साधन नहीं हो सकते. पर हमारे पास जितना है उससे हम कितना कुछ कर पाते है सफ़लता के असल मायने इसी में है....!!!

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